5 महत्वपूर्ण ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम | ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं: अगर आप किसी एक्सपर्ट की सलाह से ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो आपको काफी प्रॉफिट हो सकता है, या फिर आप बिना किसा जानकारी के ऑप्शन ट्रेडिंग करते है तो आपको बहुत बड़ा नुकसान भी हो सकता है।

ऑप्शन मार्केट में आप जब मार्किट ऊपर या फिर निचे जाता है तब भी आप प्रॉफिट कमा सकते है। ऑप्शन मार्केट भी फ्यूचर मार्केट की तरह होता है इसमें भी लोट साइज होती है, एक्सपायरी डेट होती है और स्क्रिप्ट होती है, ऑप्शन मार्केट की एक्सपायरी ३ महीने की होते है।

ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम | सफलता की कुंजी

अगर आप ऑप्शन मार्केट में शेयर खरीदना चाहते हो तो आपको जितनी शेयर की लॉट साइज होगी उल्टे आपको खरीदने पड़ेंगे। ऑप्शन मार्केट में काम करने के लिए आपको दो विकल्प होते है एक कॉल ऑप्शन और दूसरा पूत ऑप्शन। अगर आपका व्यू तेजी में है मतलब अगर कोई शेयर ऊपर जा रहा हो और आपको वह खरीदना हो तोह आप कॉल (CALL)ऑप्शन बाय कर सकते है इसका उल्टा अगर आपका व्यू किसी शेयर में बेयरिश है यानि अगर वह शेयर निचे जा रहा है तोह आप पुट (PUT) ऑप्शन बाय कर सकते है। [ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं]

एक उदहारण से समज़ते है

समझो A और B दोनों दोस्त है B के पास 10 एकर जमीन है और वह उसमे से १ एकर जमीन खरीदना चाहता है उसी समय A को 1 एकर जमीन खरीदना चाहता है, उस एक एकर जमीं की कीमत मार्किट में 30 लाख रुपये होती है A 30 लाख में जमीं खरीदने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन A के पास तुरंत देने के लिए पैसे नहीं होते अब A और B में एक महीने का करार होता है।

समझो की वह करार 1 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक का होता है A B को तीन लाख रूपये देकर एक रिसीप्ट बनता है इसके हिसाब से A कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होने तक बचे हुए पैसे बी को देगा, और B भी यह जमीं किसी और को नहीं भेचेगा। अभी उस एक महीने के समय में उस जमीं की कीमत काम या ज्यादा हो सकती है। जैसे की कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होने तक अगर जमीं की कीमत 30 लाख रुपये रे 50 लाख हो जाती है तोह उसमे B को नुकसान होगा और अगर उस जमीं की कीमत ३० लाख से १५ लाख रुपये हो जाती है तोह A अपने तीन लाख रूपये जाने देगा और वह जमीं नहीं खरीदेगा।

अब इस उदहारण में 31 अगस्त एक्सपायरी डेट है, जमीन शेयर्स है, 30 लाख शेयर्स की प्राइस है, ३ लाख की रिसीप्ट जो है वह प्रीमियम है, और 1 एकर क्वांटिटी है। [ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं]


ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम

ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम: आज हम इस आर्टिकल में ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम के बारेमे बात करेंगे इन नियमों का पालन करने से आप एक अच्छे ऑप्शन ट्रेडर बन सकते है। अक्सर देखा जाता हैं की बहुत सारे लोगों को ऑप्शन ट्रेडिंग में लोस्स हो जाता है क्यों की वह ऑप्शन ट्रेडिंग के नियमोंका पालन अच्छे से नहीं करते। बल्कि जो ऑप्शन ट्रेडिंग में एक सफल ट्रेडर है वह नियमित ऑप्शन ट्रेडिंग के नियमोंका पालन करते है।

ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम

हमेशा ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का उपयोग करे (Always use trailing stop-loss)

ट्रेडिंग की बात करे तोह उसमे स्टॉपलॉस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब कभी आप ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आपको बिना स्टॉपलॉस के ट्रेडिंग कभी नहीं करना चाहिए। और उसमे भी ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का उपयोग करना चाहिए, ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का मतलब है जैसे जैसे शेयर की कीमत ऊपर जा रही है वैसे वैसे आप ट्रेलिंग स्टॉपलॉस को ऊपर सेट करे। हम इसे लगातार बदलते रहते इस लिए इसे ट्रेलिंग स्टॉपलॉस कहते है।

मान लीजिये की किसी कॉल ऑप्शन को 100 रुपये की कीमत पर ख़रीदा और 90 रुपये स्टॉपलॉस लगाया, कुछ समय के बाद यह कॉल ऑप्शन बढ़कर 110 रुपये हो जाता है तोह अब आपको अपना स्टॉपलॉस बढाकर 100 रुपये कर देना है। और इस प्रकार के स्टॉपलॉस को ट्रेलिंग स्टॉपलॉस कहते है। [ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम]

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स्ट्रैटेजी से ऑप्शन ट्रेडिंग करे (Trade options with a strategy)

बिना किसी स्ट्रैटेजी के अगर आप सिर्फ यह देखकर शेयर खरीदते है की वह ऊपर जा रहा है और फिर आप यह देखते है की शेयर आपके उलट दिशा में जा रहा है तोह आपको उसके पहिचे की कहानी समाज में नहीं आएगी की आपके खरीद ते ही शेयर उलट दिशा में क्यों जा रहा है। बिना किसी एनालिसिस करने के कारन यह होता है।

बिना किसी स्ट्रैटेजी के आप किसी रजिस्टेंस के पास भी शेयर को बाय कर देते है फिर वह शेयर निचे आ सकता है। इसीलिए किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसका सपोर्ट और रजिस्टन्स जरूर देख ले।

सारा पैसा न लगाए (Avoid putting all your money at once)

हम कई बार देखते है की कई ट्रेडर एकसाथ अपना पूरा पैसा एकही ट्रेड में लगा देते है और फिर उनके पास कुछ भी नहीं होता है। जो लोग ऑप्शन ट्रेडिंग में नए आते है वह अपना सारा कैपिटल जल्दी गवा देते है। क्यों की उनके पास कोई मणि मॅनॅग्मेंट स्ट्रैटेजी नहीं होती। [ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम]

हर समय ट्रेड ना ले (Do not trade all the time)

किसी भी ऑप्शन में आपको 90% वेटिंग और 10% ट्रेडिंग करनी होती है। हर समय आपको ट्रेडिंग में एंट्री लेने का मौका नहीं मिलता। मार्किट कभी कभी तोह एकही रेंज में घूमता रहता है। इसीलिए आप सिर्फ अपट्रेंड या डाउन ट्रेंड को देखकर ही ट्रेड ले। ऑप्शन बाय करते समय आपको लालच नहीं करना है आपका पूरा विश्वास हो तो ही उसको बाय करे।

किसी दिन आपको लॉस हो गया तोह उसको कवर करने के चक्कर में आप और ट्रेड ले लेते हो और उसके कारन आपको और ज्यादा लॉस होता है।

ज्यादा समय के लिए होल्ड न करे (Avoid holding for too long)

बहुत बार जब आप कोई ट्रेड लेते है तोह आप देखते है की मार्किट साइडवेज जा रहा है, या फिर आपका लॉस हो रहा है जिसके कारन आप उसे पुरे दिन बुय करके रखते हो। इसके आलावा कभी कभी तो ट्रेडर १ दिन के लिए भी ऑप्शंस को होल्ड करके रखते है और सोचते है की कल गैप उप या गैप डाउन ओपन होगा तोह मुझे प्रॉफिट होगा।

ऑप्शंस में टाइम डीके होने के कारन आप जितने ज्यादा समय के लिए ऑप्शंस को खरीदके रखते हो उतना ही उसका प्राइस गिरने लगता है। ऑप्शंस में आपको एक फिक्स टाइम में ट्रेड करना चाहिए और अगर उस टाइम में आपको प्रॉफिट नहीं हुआ तोह आप उस दिन ट्रेड नहीं लेंगे। [ऑप्शन ट्रेडिंग के नियम]


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